मुजफ्फरनगर केंद्रीय कार्यशाला आधुनिकीकरण एवं पुनर्स्थापना परियोजना का लोकार्पण
सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने किया लोकार्पण
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की सुविधा और कृषि क्षेत्र की मजबूती के उद्देश्य से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज दिनांक 1 जून 2025 को जनपद मुजफ्फरनगर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण तब आया जब उत्तर प्रदेश के माननीय सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह जी ने केंद्रीय कार्यशाला आधुनिकीकरण एवं पुनर्स्थापना परियोजना का विधिवत लोकार्पण किया। यह परियोजना कृषक हित में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इस परियोजना की कुल लागत 33.90 लाख रुपये है, जिसे राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित किया गया है। यह कार्यशाला लंबे समय से सुधार की प्रतीक्षा में थी, और अब इसके आधुनिकीकरण एवं पुनर्स्थापना के उपरांत यह जनपद में सिंचाई संबंधी समस्याओं के त्वरित समाधान की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर बोलते हुए मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, “हमारा प्रयास है कि उत्तर प्रदेश का हर किसान सशक्त हो, उसे खेती के लिए आवश्यक सभी संसाधन समय पर उपलब्ध हों और वह किसी भी असुविधा का सामना किए बिना उत्पादन कर सके। यह कार्यशाला अब अत्याधुनिक उपकरणों और संसाधनों से सुसज्जित है, जिससे सिंचाई से संबंधित यंत्रों की मरम्मत, देखरेख और तत्काल समाधान संभव हो सकेगा।” यह कार्यशाला अब न केवल तकनीकी रूप से उन्नत होगी बल्कि यहां कार्यरत कर्मियों को नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण भी दिया गया है। इससे किसानों को सिंचाई यंत्रों की मरम्मत और सेवा के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। त्वरित समाधान उपलब्ध कराना ही इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य है। आधुनिकीकरण के पश्चात इस कार्यशाला में जल निकासी पंप, ट्यूबवेल, नलकूप यंत्र, एवं सिंचाई संबंधी अन्य यंत्रों की मरम्मत कार्य तत्परता से किया जा सकेगा। इससे किसानों को न केवल समय की बचत होगी, बल्कि फसल उत्पादन की गुणवत्ता एवं मात्रा में भी सुधार होगा।
उन्होंने आगे कहा कि “प्रधानमंत्री जी के ‘डबल इंजन सरकार’ की सोच और मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के किसानों को हर स्तर पर सशक्त करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। जल ही जीवन है और किसान हमारा अन्नदाता है — दोनों के बीच समन्वय ही हमारी प्राथमिकता है।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे किसानों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करें और आधुनिक उपकरणों के उपयोग से समयबद्ध सेवाएं सुनिश्चित करें। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान, जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन के अधिकारी, विभागीय अभियंता एवं आम जनमानस उपस्थित रहे। सभी ने सरकार की इस पहल की सराहना की और कार्यशाला के पुर्नजीवन पर प्रसन्नता जताई।
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